कौन किसका खर्चा उठायेगा ?
यह नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ा सबसे गंभीर प्रश्न है।।
जहाँ तक मेरा मानना है कि हर आदमी अपना अपना ख़र्चा उठा ले तो बात बन जाती है।।
मोबाइल और इंटरनेट का खर्चा
जाने आने का खर्चा
खाने का खर्चा
रुकने का खर्चा
वैसे अगर आप ये खर्चा कर भी रहे हैं तो इसमें रोने की क्या बात है ?
जिंदगी भी तो आपकी ही बनेगी।।
पैसा कमाने के लिये लोग पढ़ाई करते हैं जैसे एक डॉक्टर बनने के लिए लाखों रुपया भी खर्च होता है और दिन रात की पढ़ाई भी।।
लोग अपने व्यापार में भी तो लाखों करोड़ों लगाते है एक दुकान, शोरूम या फैक्ट्री खोलने में।।
वहां भी तो हर आदमी अपना ख़र्चा खुद ही उठाता है चाहे अपनी पूंजी लगाये या बैंक से लोन ले , हर आदमी कहीं न कहीं से पैसे का जुगाड़ करता ही है और अपना रोजगार शुरू करता है।।
फिर नेटवर्क मार्केटिंग FREE में क्यों ??
आपने डाउनलाइन से मांगा तो डाउनलाइन खत्म और अपलाइन से मांगा तो अपलाइन आपसे मुँह मोड़ लेगा।।
क्योंकि सबके अपने खर्चे हैं।।
ऐसे में आप सोचेंगे कि कंपनी खर्चा पानी दे तो पहली बात की कंपनी ने तो पहले ही आपकी सारी सरदर्दी खत्म कर दी है।।
जैसे कि आपके लिए ऑफिस बना दिया है, आपके लिए कर्मचारी बिठाए हुए हैं, आपको उत्पाद बनाकर दे दिये है , सारा एकाउंट कंपनी देखती है, ट्रेनिंग सेमिनार कंपनी करती है मतलब एक व्यापार से जुड़े सारे सरदर्दी वाले काम तो कंपनी के पास हैं।।
आपको तो बस तैयार हो चुके बिज़नेस प्लान और उत्पादों की जानकारी लोगों को देनी है और इसी बात का तो 50 से 70 प्रतिशत भुगतान कंपनी आपको करती है।।
साथ ही कंपनी की नज़रों में सब समान होते हैं ऐसे में किसी एक को खर्चा पानी दे और दूसरे को ना दे तो इसका मतलब कंपनी पक्षपात करती है।।
कोई समझदार कंपनी अपने ऊपर पक्षपात करने का ठप्पा नही लगवायेगी।।
अच्छा होगा आप अपनी रणनीति को ध्यानपूर्वक तैयार करें वरना दौड़ोगे तो जरूर लेकिन कहीं भी न पहुंच पाओगे।।
हर व्यक्ति इस व्यापार में अपने फायदे के लिए काम शुरू करता है ऐसे में एहसान न तो किसी पर किया जाता है और न ही कोई मानता है।।
जो भी सुविधाएं अपलाइन या कंपनी की तरफ से मिल जाएं वह तो आपके लिये बोनस है।।
बाकि हज़ारों लोगों में अपना नाम चमकाना हो तो अपनी जिम्मेदारी स्वयं उठाएं।।
आज थोड़ा सा प्रयास किया है एक बेहद नाजुक बात को समझाने में !
*_Anand Dhakad_*
धन्यवाद।।
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